➤ एचआरटीसी को नए साल से 297 इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी शुरू होगी
➤ परियोजना पर 507.87 करोड़ की लागत, 31 नए चार्जिंग स्टेशन निर्माणाधीन
➤ बसें 30 मिनट में फास्ट चार्ज, एक चार्ज में 200 किमी चलने की क्षमता
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) अपने बेड़े को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। नए साल से निगम को 297 नई इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी मिलनी शुरू हो जाएगी। इस परियोजना पर कुल 507.87 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। ये बसें दिसंबर 2025 के अंत से जनवरी 2026 तक चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के विभिन्न रूट्स पर उतारी जाएंगी।
एचआरटीसी के वाइस चेयरमैन अजय वर्मा ने बताया कि नई इलेक्ट्रिक बसें अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगी और यात्रियों को शांत, आरामदायक तथा प्रदूषण-मुक्त सफर उपलब्ध कराएंगी। इस पूरी खेप के साथ 12 साल की मेंटेनेंस सर्विस भी शामिल है, जिससे संचालन व्यवस्थित रहेगा।
इन बसों में फास्ट चार्जिंग तकनीक होगी, जिससे इन्हें मात्र 30 मिनट में फुल चार्ज किया जा सकेगा। एक बार चार्ज होने पर बसें लगभग 200 किलोमीटर तक चल सकेंगी। प्रत्येक बस की लागत लगभग 1.71 करोड़ रुपये तय की गई है।
शुरुआत में 50 से 100 बसें प्रमुख और पायलट रूट्स पर चलाई जाएंगी। इसी के मद्देनजर निगम 31 नए चार्जिंग स्टेशन बना रहा है, जबकि पूरे प्रदेश में 80 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना है, जिन्हें नाबार्ड से फंडिंग मिल रही है।
ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड को 297 बसों की सप्लाई और मेंटेनेंस का ठेका 424 करोड़ रुपये में दिया गया है। इस कंपनी की चार बसें ट्रायल के लिए हैदराबाद से हिमाचल पहुंच चुकी हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में मजबूत चार्जिंग नेटवर्क बनाना चुनौतीपूर्ण है, इसलिए निगम रणनीतिक स्थानों पर स्टेशन विकसित कर रहा है, ताकि बसों का संचालन बिना बाधा जारी रहे।
अजय वर्मा के अनुसार, इलेक्ट्रिक बसों के बढ़ते उपयोग से यात्रियों को प्रदूषण-मुक्त, शोर रहित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इससे डीजल पर निर्भरता भी कम होगी और पुरानी बसों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। निगम का लक्ष्य भविष्य में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या दोगुनी करने का है, ताकि हिमाचल हरित ऊर्जा आधारित परिवहन में अग्रणी बन सके।
इस परियोजना से प्रदेश को कई लाभ होंगे—कार्बन उत्सर्जन में कमी, पर्यटन क्षेत्रों में स्वच्छ परिवहन, परिचालन लागत में बड़ी कटौती और बेहतर कनेक्टिविटी। इसे हिमाचल के परिवहन इतिहास का सबसे बड़ा EV अपग्रेड बताया जा रहा है। अगले चरण में 9 मीटर और इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बसों के प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हैं।



